सूरत, गोपितलाव कहा जाता है की गिपितलाव १५०० में गोप नाम का राजा ने बनाया है। और राजा के नाम पर ही इस तलाव का नाम गोपितलाव रखागया है। गोपितलाव की डिज़ाइन अमदावाद की अडालज वाव की तरह थी। इसमें बारिश का पानी ऑटोमेटिक अंदर आने की ववयवस्था की थी और बहार जाने के लिए भी ऑटोमेटिक व्यवस्था की गयी थी। ये तलाव का आकार अमदावाद के कांकरिया तलाव जैसा गोल है। 2012. 2013 से यहाँ फिर से मरम्मत का काम चालू हवा। और 2015 में फिर से उसको पब्लिक के लिए चालू किया। आज बहोत सारे लोग गोपितलाव को देखने आते है।सूरत में देखने (धूमने) के लिए आज गोपितलाव का नाम पहले लिया जाता है।
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